The United Nations General Assembly declared September 23 as the International Day of Sign Languages. The day is recognized as such to raise awareness about the importance of sign language around the world. It was first celebrated in 2018. The particular date was chosen because it is the same day that the World Federation of the Deaf was established in 1951.
जो लोग सुन या बोल नहीं सकते उनके हाथों, चेहरे और शरीर के हाव-भाव से बातचीत की भाषा को सांकेतिक भाषा यानी Sign Language कहा जाता है. दूसरी भाषा की तरह सांकेतिक भाषा के भी अपने व्याकरण और नियम हैं. लेकिन ये लिखी नहीं जाती. तरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस को मनाए जाने का प्रस्ताव विश्व बधिर संघ ने रखा था. सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 सितम्बर 2018 को सांकेतिक भाषा दिवस घोषित किया था. 2018 में ही पहली बार ही सांकेतिक भाषा दिवस मनाया गया.
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